Wednesday, September 2, 2015

One hundred and eight names of Planet Lord Shri Saturn



ॐ अथ श्री शनि-अष्टोत्तरशतनामावलिः

मन्त्र - नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्  । छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम् ।।

 [ Nelaanjan-samaa-bhaasam Ravi-putram Yama-agrajam | Chaayaa-Maartanda-sambhootam Tam Namaami Shanaischaram || ]


1) ॐ श्री शौरये नमः 2) ॐ श्री शनैश्चराय नमः 3) ॐ श्री कृष्णाय नमः

     
4) ॐ श्री नीलोत्पलनिभाय नमः 5) ॐ श्री शनये नमः 6) ॐ श्री

 शुष्कोदराय नमः 7) ॐ श्री विशालाक्षाय नमः 8) ॐ श्री दुर्निरीक्ष्याय नमः

9) ॐ श्री विभीषणाय नमः 10) ॐ श्री शितिकण्ठनिभाय नमः 11) ॐ श्री

ॐ श्री नीलाय नमः 12) ॐ श्री छायाह्रदयनन्दनाय नमः 13) ॐ श्री

कालदृष्टये नमः 14) ॐ श्री कोटराक्षाय नमः 15) ॐ श्री स्थूलरोम्णे नमः

16) ॐ श्री वलीमुखाय नमः 17) ॐ श्री दीर्घाय नमः 18) ॐ श्री 

निर्मांसगात्राय नमः 19) ॐ श्री शुष्काय नमः 20) ॐ श्री घोरय नमः

21) ॐ श्री भयानकाय नमः 22) ॐ श्री नीलांशवे नमः 23) ॐ श्री

 क्रोधनाय नमः 24) ॐ श्री रौद्राय नमः 25) ॐ श्री दीर्घश्मश्रवे नमः

26) ॐ श्री जटाधराय नमः 27) ॐ श्री मन्दाय नमः 28) ॐ श्री मन्दगतये

नमः 29) ॐ श्री खंजाय नमः 30) ॐ श्री तप्तय नमः 31) ॐ श्री

 संवर्तकाय नमः 32) ॐ श्री यमाय नमः 33) ॐ श्री ग्रहराजाय नमः

34) ॐ श्री करालिने नमः 35) ॐ सूर्यपुत्राय नमः 36) ॐ श्री रवये नमः

37) ॐ श्री शशिने नमः 38) ॐ श्री कुजाय नमः 39) ॐ श्री बुधाय नमः

40) ॐ श्री गुरवे नमः 41) ॐ श्री काव्याय नमः 42) ॐ श्री भानुजाय नमः

43) ॐ श्री सिंहिकासुताय नमः 44) ॐ श्री केतवे नमः 45) ॐ श्री देवपतये

नमः 46) ॐ श्री बाहवे नमः 47) ॐ श्री कृतान्ताय नमः 48) ॐ श्री

 नैऋताय नमः 49) ॐ श्री कुशिने नमः 50) ॐ श्री मरूते नमः 51) ॐ श्री

कुबेराय नमः 52) ॐ श्री ईशानाय नमः 53) ॐ श्री सुराय नमः 54) ॐ श्री

आत्मभुवे नमः 55) ॐ श्री विष्णवे नमः 56) ॐ श्री हराय नमः 57) ॐ श्री

गणपतये नमः 58) ॐ श्री कुमाराय नमः 59) ॐ श्री कामाय नमः 

60) ॐ  श्री ईश्वराय नमः 61) ॐ श्री कर्त्रे नमः 62) ॐ श्री हर्त्रे नमः 

63) ॐ श्री पालयित्रे नमः 64) ॐ श्री राज्यघ्ने नमः 65) ॐ श्री

 राज्यदायकाय नमः 66) ॐ श्री छायासुताय नमः 67) ॐश्री श्यामलांगाय

नमः 68) ॐ श्री धनहत्रै नमः 69) ॐ श्री धनप्रदाय नमः 70) ॐ श्री 

क्रूरकर्मविधात्रे नमः 71) ॐ श्री सर्वकर्मविरोधकाय नमः 72) ॐ श्री तुष्टय

नमः 73) ॐ श्री रूष्टाय नमः 74) ॐ श्री कामरूपाय नमः 75) ॐ श्री 

कामदाय नमः 76) ॐ श्री रविनन्दनाय नमः 77) ॐ श्री ग्रहपीडाहराय

 नमः  78) ॐ श्री शान्ताय नमः 79) ॐ श्री नक्षत्रेशाय नमः 80) ॐ श्री

ग्रहेश्वराय नमः 81) ॐ श्री स्थिरासनाय नमः 82) ॐ श्री स्थिरगतये नमः

83) ॐ श्री महाकायाय नमः 84) ॐ श्री महाबलाय नमः 85) ॐ श्री 

महाप्रभवे नमः 86)  ॐ श्री महाकालाय नमः 87) ॐ श्री कालात्मने नमः

88) ॐ श्री कालकालकाय नमः 89) ॐश्री आदित्यभयदात्रे नमः 90) ॐ 

श्री  मृत्यवे नमः 91) ॐ श्री आदित्यनन्दनाय नमः 92) ॐ श्री शतभिदे 

नमः 93) ॐ श्री रूक्षदयितायै नमः 94) ॐ श्री त्रयोदशीतिथिप्रियाय नमः

95) ॐ श्री तिथ्यात्मने नमः 96) ॐ श्री तिथिगणनाय नमः 97) ॐ श्री

नक्षत्रगणनायकाय नमः 98) ॐ श्री योगराशिमुहूर्तात्मने नमः 99) ॐ श्री

कत्रै नमः 100) ॐ श्री दिनपतये नमः 101) ॐ श्री प्रभवे नमः 102) ॐ श्री

शमीपुष्पप्रियाय नमः 103) ॐ श्री श्यामाय नमः 104) ॐ श्री 

त्रैलोक्यभयदायकाय नमः 105) ॐ श्री  नीलवाससे नमः 106) ॐ श्री

क्रियासिन्धवे नमः 107) ॐ श्री नीलांजनचयच्छवये नमः 108) ॐ श्री 

सर्वरोगहराय नमः  109) ॐ श्री देवाय नमः 110) ॐ श्री सिध्दाय नमः

111) ॐ श्री देवगणस्तुताय नमः 


इति श्री भविष्यपुराणे नारदप्रोक्तं श्री शनैश्चरस्तवराज नाम श्री शनैश्चर

अष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा  ॐ श्री शनिदेवार्पणमस्तुः ।


अथ शनिस्तोत्रम्

कोणस्थ पिंगलो बभ्रुः कृष्णो रौद्रांतको यमः । सौरिः शनैश्चरो मंदः पिप्पलादेन संस्तुतः ।।

एतानि दश नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत । शनैश्चरकृता पीडा न कदाचित
भविष्यति ।।

पिप्पलाद उवाच - नमस्ते कोणसंस्थाय पिंगलाय नमोस्तुते । नमस्ते

 बभ्रुरूपाय  कृष्णाय च नमोस्तुते ।। 1 ।। नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते 

चांतकाय च । नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो ।। 2 ।। नमस्ते

 मंदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते । प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च ।। 

3 ।।

ॐ श्री शनिदेवार्पणमस्तु 

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